A REVIEW OF MORAL

A Review Of moral

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एक दिन, नीली मछली किनारे के पास तैर रही थी और उसने मछुआरों की बातें सुनीं। “एक मछुआरा दूसरे से कह रहा था की, यह नदी में मछली पकड़ने का समय आ गया है। नदी की मछलियाँ यहाँ बहुत भोजन के लिए तैरती होंगी! चलो कल मछली पकड़ने चलते हैं!”

शिक्षा –सच्चाई किसी से छुपाये नहीं छुपती।

ईसी गांव में मोहन नाम का एक बड़ा ही मेहनती और सच्चा किसान रहा करता था। मोहन का परिवार थोड़ा बड़ा था उसके परिवार में उसके बूढ़े मां बाप, पत्नी और तीन बच्चे थे जो अभी काफी छोटे थे।

रात होने पर, गधा और गीदड़ चुपचाप बगीचे में घुस गए और फिर भर पेट खाने लगे। खाते वक्त, गधे के मन में कुछ सूझा और उसने कहाँ, “ओह, इतने स्वादिष्ट खीरे और चाँद को देखो!

शिक्षा here – किसी पर कभी भी आसानी से भरोसा नहीं करना चाहिए।

सेठ के पास पहुंचकर मोहन बोला - सेठ जी आपकी बहुत मेहरबानी होगी अगर आप मुझे थोड़ा सा कर्जा दे दे जिससे मैं अपने खेतों में फिर से कोई फसल उगा सकूं या फिर आप मुझे अपने यहां नौकरी दे दे ताकि मेरे परिवार को दो वक्त का खाना मिल सके।

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अगले दिन जब सेठ सवेरे उठा और अपने आंगन में आया तो उसने देखा कि मोहन उसके आंगन में बैठा है! सेठ ने उस को पास बुलाकर पूछा कि क्या हुआ तुम क्यों यहां पर बैठे हो। मोहन बोला - सेठ जी मुझे वापस काम पर रख लीजिए। आप जानते ही हैं मेरी आर्थिक परिस्थिति कैसी है? थोड़ी दया कीजिए।

अचानक उस कबूतर की नज़र चींटी पर पड़ी उसने उसकी मदद के लिए पेड़ से एक पत्ता तोड़ कर नदी में फेंका और चींटी उस पर चढ़ गई। कुछ देर बाद पत्ता बहकर सूखी जमीन पर पहुँच गया और चींटी बाहर आ गई। चींटी ने कबूतर का धन्यवाद किया।

सियार उससे कहने लगा “मैं तो किसान को बुलाने जा रहा हूं, वह आएगा और तुम्हें मार डालेगा”। हिरन चिल्लाने लगा, तभी वहां कौआ आया और उसने हिरन से कहा तुम ऐसे लेट जाओ जैसे की तुम मर गए हो। हिरन ने आपने दोस्त की बात मानी और वैसे ही करा।

एक बार की बात है, भारत की पहाड़ियों में बसे एक छोटे से गांव में रामू नाम का एक बुद्धिमान बूढ़ा किसान रहता था। रामू अपनी दयालुता, उदारता और बुद्धिमत्ता के लिए दूर दूर तक जाना जाता था। उसके पास एक छोटा लेकिन हरा भरा खेत था, जहां वह कई तरह की फसलें उगाता था और वह एक सादा लेकिन संतुष्ट जीवन जीता था। 

चूहा अपने दांतो से जाल को काटने की कोशिश करता है और अंत में वो शेर को बाहर निकालने में सफल हो जाता है। शेर चूहे के इस काम से बड़ा खुश होता है। वो चूहे से कहता है कि दोस्त मैं तुम्हारा ये अहसान कभी नहीं भूलूंगा और साथ ही कहता है आज से तुम मेरे सच्चे मित्र हो।

एक बार उसे किसी कार्य से दूसरे गांव जाना पड़ा। इसलिए उसने अपने पुत्र को खेत में वृक्ष के नीचे बने बिल के पास मिट्टी के कटोरा में दूध रखने का कार्य सौंपा और वह दूसरे गांव की यात्रा के लिए निकल पड़ा। उसका पुत्र आज्ञा अनुसार दूध का कटोरा सर्प के बिल के सामने रखकर घर चला गया। 

उसने अपने सींगों को बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, पर वह अपने सींगों को बाहर ना निकाल पाया। जिसके बाद उन शिकारी कुत्तों ने उसे घायल कर दिया और वो मरने की हालत में हो गया था। मरते समय वह सोचता रहा, “इन सुंदर सींगों ने मुझे मरवाया है और मेरी पतली टाँगे मुझे बचा सकती थी।”

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